संतों के चरण चिन्ह
अनंत दीप्ती तरंग,
जहं जहं ये चरण पड़ें
तहं ईश्वर नवरंग भरे।
बरगद की छाँव में,
हिम कंदराओं में,
जहं जहं संत उठें बैठें
उनकी आभा निवास करे ।
गंगा के तट पे
या यमुना के तीर,
पाओ ईश्वर महिमा
जहं संतान की भीर ।
मत अतिक्रमण करो,
संत अनुकरण करो।
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